छात्र रुचि के क्षेत्र में अपना करियर बनाएं : राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की अपील

छात्र रुचि के क्षेत्र में अपना करियर बनाएं
छात्र रुचि के क्षेत्र में अपना करियर बनाएं

पुणे: महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने एमआईटी यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी, विश्वराजबाग, पुणे के 7वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर छात्रों से अपनी रुचि के क्षेत्र में करियर बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, “छात्र भारत के भविष्य की रीढ़ हैं और उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनकर अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ना चाहिए। अगर छात्र अपने काम और सिद्धांतों पर अडिग रहते हैं, तो वे निश्चित रूप से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे। राज्यपाल ने आगे कहा कि छात्रों को दूसरों की सफलता या विफलता की चिंता किए बिना कड़ी मेहनत पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक प्रगति को भी जीवन के महत्वपूर्ण पहलू बताया, जो एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा है।”

इस अवसर पर माईर्स एमआईटी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के संस्थापक अध्यक्ष विश्वधर्मी प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, प्रख्यात वैज्ञानिक इसरो और यू.आर. राव उप-केंद्र, बेंगलुरु के निदेशक डॉ. एम. शंकरन, एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के कुलपति और कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. डॉ. मंगेश कराड, कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. सुनीता कराड, श्रीमती ज्योति ढाकणे-कराड, डॉ. विनायक घैसास, डॉ. सुचित्रा नागरे, उपकुलपति डॉ. रामचन्द्र पुजेरी, डॉ. अनंत चक्रदेव, रजिस्ट्रार डॉ. महेश चोपड़े, परीक्षा नियंत्रक डॉ. ज्ञानदेव नीलवर्ण और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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राज्यपाल राधाकृष्णन ने आगे कहा, आध्यात्मिकता हर किसी के जीवन और जीवन की हर चीज से जुड़ी है। आर्थिक प्रगति के लिए मानव सांस्कृतिक प्रगति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। समान मूल्यों और संस्कृति के ज्ञान वाले छात्रों को तैयार करने का काम एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी के माध्यम से हो रहा है। ह विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के माध्यम से ही गरीबी को मिटा सकते हैं और ऐसे अनुसंधान को बढ़ावा देने का काम यह विश्वविद्यालय कर रहा है। यह कहते हुए राज्यपालजी ने एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय की पीठ भी थपथपाई।

विश्वविद्यालय की उपलब्धियां और भावी दृष्टि

कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान, प्रोफेसर डॉ. मंगेश कराड ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस वर्ष का दीक्षांत समारोह विशेष रूप से गौरव का विषय है। एमआईटी एडीटी ने परीक्षाओं के लिए पूरी तरह से डिजिटल प्रणाली अपनाई है, जिससे परिणाम समय पर और पारदर्शी तरीके से घोषित किए जा रहे हैं।

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डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या

समारोह में कुल 2972 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जिसमें 22 पीएचडी, 53 स्वर्ण पदक और 194 रैंक होल्डर शामिल थे। समारोह का आकर्षण पारंपरिक जुलूस रहा, जिसमें राजदंड के साथ छात्रों ने भाग लिया।

छात्र की सफलता में संस्थान की भूमिका अहम

एम. शंकरन ने कहा, भारत ने हाल ही में दुनिया को दिखाया है कि हम किसी भी क्षेत्र में कमतर नहीं हैं। इसलिए विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति और स्वाभिमान पर गर्व करते हुए देश का नाम ऊंचा करने का प्रयास करना चाहिए। हमारे देश के पास इतनी प्रतिभाशाली युवा पीढ़ी है जो दुनिया में किसी के पास नहीं है और डॉ. कलाम द्वारा दिखाए गए उन्नत देश के सपने को पूरा करने की जिम्मेदारी अब इसी युवा पीढ़ी के कंधों पर है। कोई भी विद्यार्थी केवल कड़ी मेहनत से जीवन में सफल नहीं होता है। इसलिए इसकी सफलता के पीछे संस्था समेत कई लोगों का योगदान है।  इसलिए उन्होंने इस मौके पर यह संदेश भी दिया कि डिग्री लेने के बाद समाज में प्रवेश करते समय हमें समाज को कुछ वापस भी देना है।

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एमआईटी एडीटी एक अच्छे छात्र के साथ-साथ एक मूल्यवान इंसान तैयार करने का प्रयास करता है जो आध्यात्मिकता और प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने का प्रयास करता है। मैं इस दीक्षांत समारोह के माध्यम से आज स्नातक होने वाले सभी विद्यार्थियों से अपील करता हूं कि वे भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दें।

– प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ दा. कराड,

संस्थापक अध्यक्ष,

माईर्स एमआईटी एजुकेशन ग्रुप, भारत

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