छात्र ‘एमआईटी’ ब्रांड में विश्वास करते हैं : पद्म भूषण डॉ. विजय कुमार सारस्वत; ‘एमआईटी एडीटी’ विश्वविद्यालय का 9वां स्थापना दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया

Students Place Trust in the 'MIT' Brand
Students Place Trust in the 'MIT' Brand

पुणे: छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ नवाचार और कौशल विकास की शिक्षा भी दी जानी चाहिए। शिक्षा जो देश की वैज्ञानिक प्रगति में योगदान देती है और अनुसंधान को प्रोत्साहित करती है, उसे सांस्कृतिक मूल्यों के साथ भी जोड़ा जाना चाहिए, जिससे छात्रों में राष्ट्र के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना उत्पन्न हो। एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय इसी प्रकार की शिक्षा प्रदान कर रहा है, जिसके कारण छात्र और उनके माता-पिता एमआईटी ब्रांड पर तेजी से विश्वास कर रहे हैं। यह बात भारत के नीति आयोग के सदस्य और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व अध्यक्ष पद्म भूषण डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने कही। वह यहां एमआईटी यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी, विश्वराजबाग, पुणे के 9वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे।

अधिक वाचा  मुक्तांगण विज्ञान शोधिका केंद्रातर्फे 'खेल खेल में' राष्ट्रीय स्तरावरील विज्ञान खेळणी, गेम डिझाईन स्पर्धा

इस अवसर पर मंच पर माईर्स एमआईटी एजुकेशन ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष विश्वधर्मी प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष और कुलपति प्रोफेसर डॉ. मंगेश कराड, कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. सुनीता कराड, प्रो. कुलपति डॉ. रामचंद्र पुजेरी, डॉ. अनंत चक्रदेव, डॉ. मोहित दुबे, रजिस्ट्रार डॉ. महेश चोपड़े, डॉ. वीरेंद्र शेटे, डॉ. नचिकेत ठाकुर, डॉ. विपुल दलाल एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर प्रो. डॉ. मंगेश कराड ने कहा कि, माईर्स एजुकेशन ग्रुप ने हाल ही में अपना 42वां स्थापना दिवस मनाया है। प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ कराड के मार्गदर्शन में एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय छात्रों के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए शिक्षा प्रदान कर रहा है। विश्वविद्यालय के निर्माण में प्रत्येक कर्मचारी का बहुमूल्य योगदान है, इसलिए विश्वास है कि यह विश्वविद्यालय भविष्य में सफलता की नई ऊंचाइयों को छुएगा।

अधिक वाचा  दहावी बारावीच्या परीक्षा ऑफलाइनच होणार : अशा असतील लेखी आणि प्रात्यक्षिक परीक्षा

कार्यक्रम की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना से हुई और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर डॉ. पुजेरी ने कार्यक्रम का परिचय दिया और डॉ. दुबे ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन श्रद्धा वाघटकर और स्वप्निल शिरसाठ ने किया।

“भारतीयों को किसी भी काम को टालने की बुरी आदत है, जिससे संगठन की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है। जब मैं अमेरिका के फुल्टन हॉल में भाषण दे रहा था, तो मेरे सामने 30,000 से ज्यादा लोग बैठे थे और सभी की निगाहें और कान मेरी ओर थे। अब हमें भी इसी तरह का अनुशासन अपनाने की जरूरत है, क्योंकि भारत में विश्व गुरु बनने की क्षमता है। लेकिन केवल बातें करने से काम नहीं चलेगा, इसके लिए आवश्यक अनुशासन और मूल्यों को अपनाना अति आवश्यक है।”

— प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, संस्थापक अध्यक्ष, माईर्स एमआईटी एजुकेशन ग्रुप

 

अधिक वाचा  हा विचार पाळणार कोण? त्याची सुरुवात कोण करणार आणि हा विचार कोण पुढे नेणार?--का म्हणाले असे उद्धव ठाकरे?

डॉ. अनंत चक्रदेव को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार

इस अवसर पर प्रो. कुलपति डॉ. अनंत चक्रदेव को विश्वविद्यालय के निर्माण में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनके साथ ही डॉ. वीरेंद्र भोजवानी, डॉ. रजनीश कौर राचदेव बेदी, डॉ. ज्ञानदेव नीलवर्णा, डॉ. समाधान कुम्हार, डॉ. श्रीकांत गुंजल, डॉ. सूरज भोयर, डॉ. अविनाश कदम को भी विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ. चक्रदेव के प्रेरणादायक भाषण ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

 

 

50% LikesVS
50% Dislikes

Spread the love